देख तो दिल से के जाँ से उठता है
यह धुआं कहाँ से उठता है
गोर किस दिलजले की है ये फलक
शोला एक सुभः यां से उठता है
[गोर = grave/tomb ;दिलजले = heart burnt; ]
[गोर = grave/tomb ;दिलजले = heart burnt; ]
खाना-ए-दिल से ज़िन्हार ना जा
कोई ऐसे मकाँ से उठता है
नाला सर खेंचता है जब मेरा
शोर एक असमान से उठता है
[नाला = lament]
[नाला = lament]
लडती है उस की चश्म-ए-शोख जहाँ
एक आशोब वां से उठता है
[आशोब = turmoil]
[आशोब = turmoil]
सुध ले घर की भी शोला-ए-आवाज़
दूद कुछ आशियाँ से उठता है
[दूद = smoke]
[दूद = smoke]
बैठने कौन दे है फिर उस को
जो तेरे आस्तां से उठता है
[आस्तां = threshold]
[आस्तां = threshold]
यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
इश्क इक 'मीर' भारी पत्थर है
बोझ कब नातवां से उठता है
[नातवां = weak]
मीर ताकी 'मीर'
[नातवां = weak]
मीर ताकी 'मीर'
No comments:
Post a Comment