Masnavi, or mathnawī, is the name of a poem written in rhyming couplets, or more specifically, “a poem based on independent, internally rhyming lines”. Most mathnawī followed a meter of eleven, or occasionally ten, syllables, but had no limit in their length. The mathnawi consists of an indefinite number of couplets, with the rhyme scheme aa/bb/cc. Mathnawī have been written in Persian, Arabic, Turkish, and Urdu cultures (From Wikipedia)
खुशा हाल उसका जो मादूम है
की अह्वाल अपना तो मालूम है
की अह्वाल अपना तो मालूम है
[ खुशा हाल = happy, मादूम = obliterated, अह्वाल = condition/state]
रही जान-ए-गमनाक को काहिशें
गयी दिल से नौमीद सी ख्वाइशें
गयी दिल से नौमीद सी ख्वाइशें
[ जान-ए-गमनाक = unhappy soul, काहिशें = difficulties/sorrow, नौमीद = without hope]
जमाने नें रखा मुझे मुत्तसिल
परागन्द रोज़ी, परागन्द दिल
परागन्द रोज़ी, परागन्द दिल
[मुत्तसिल = ever/always परागन्द रोज़ी = fianancial problem, परागन्द दिल = problem of heart ]
गयी कब परेशानी–ए-रोज़गार
रहा मैं तो हम ताले-ए-जुल्फ-ए-यार
रहा मैं तो हम ताले-ए-जुल्फ-ए-यार
[ परेशानी–ए-रोज़गार = problem of employment, ताले-ए-जुल्फ-ए-यार = locked in the tresses of beloved.]
ज़माने नें आवारा चाहा मुझे
मेरी बेकासी नें निबाहा मुझे
मेरी बेकासी नें निबाहा मुझे
दिल इक बार, सो बेकरार-ए-बुतां
गुबार-ए-सर-ए-रहगुज़ार-ए-बुतां
गुबार-ए-सर-ए-रहगुज़ार-ए-बुतां
[बेकरार-ए-बुतां = desiring for beloved, गुबार-ए-सर-ए-रहगुज़ार-ए-बुतां = dust of the roads of beloved]
गिरफ्तार-ए-रंज-ओ-मुसीबत रहा
ग़रीब-ए-दायर-ए-मुहब्बत रहा
ग़रीब-ए-दायर-ए-मुहब्बत रहा
[गिरफ्तार-ए-रंज-ओ-मुसीबत = prisoner of sorrow and problems ; ग़रीब-ए-दायर-ए-मुहब्बत = poor from the land of love ]
चला अकबराबाद से जिस घड़ी
दर-ओ-बाम पर चस्म-ए-हसरत पड़ी
दर-ओ-बाम पर चस्म-ए-हसरत पड़ी
[ अकबराबाद = earlier name of Agra; दर-ओ-बाम = doors and terrace, चस्म-ए-हसरत = with sad eyes]
की तर्क-ए-वतन पहले क्यूँ कर करूँ
मगर हर कदम दिल को पत्थर करूँ
मगर हर कदम दिल को पत्थर करूँ
[ तर्क-ए-वतन = leaving the land]
पस अज कत-ए-रह, लाए दिल्ली में बख़्त
बहुत खेँचे याँ मैने, आज़ार सख़्त
बहुत खेँचे याँ मैने, आज़ार सख़्त
[पस अज कत-ए-रह = after travelling the road, बख़्त = fortune/destiny]
जिगर जौर-ए-गर्दुं से खुउं हो गया
मुझे रुकते रुकते जुनून हो गया
मुझे रुकते रुकते जुनून हो गया
[ जौर-ए-गर्दुं = hardship of the world ]
मीर ताकी 'मीर'