एक खलिश को हासिल-ए-उम्र-ए-रवां रहने दिया
जान कर हमनें उन्हें ना मेहरबां रहने दिया
[ खलिश = pain रवां = moving/continue, हासिल = gain/Result]
कितनी दीवारों के साए हाथ फैलाते रहे
इश्क नें लेकिन हमें बेखानुमा रहने दिया
[बेखानुमा = without love]
अपने अपने हौसले अपनी तलब की बात ही
चुन लिया हमने उन्हें सारा जहाँ रहने दिया
यह भी क्या जीने में जीना है बैगैर उनके अदीब,
शम्मा गुल कर दी गयी बाकी धुआं रहने दिया
'अदीब सहारनपुरी'
I am putting my Maqta to this Ghazal.
अगरचे खू-ए-खूबां है ये पर दिल न माने है 'प्रशांत'
ले ली हंसी मेरी और लब पे फुगाँ रहने दिया
[अगरचे = though; खू = habit; खूबां = beautiful ; फुगाँ = cry]