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Sunday, 11 March 2012

खातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया

खातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया
झूठी कसम से आपका ईमान तो गया

दिल ले के मुफ्त में कहते हैं के कुछ काम का नहीं
उलटी शिकायते हुईं , एहशान तो गया

अब शै-ए-राज़-ए-इश्क गो ज़िल्लतें हुई
लेकिन उसे जता तो दिया, जान तो गया
[शै-ए-राज़-ए-इश्क=secret of love being known; ज़िल्लतें=insult/humiliation]

 
देखा है बुतकदे में जो ऐ शैख़ कुछ न पूछ
ईमान कि तो ये है कि ईमान तो गया

डरता हूँ देख कर दिल-ए-बेआरजू को मैं
सुनसान घर क्यूँ न हो मेहमान तो  गया

गो नामाबर  से खुश न हुआ पर हज़ार शुक्र
मुझ को वो मेरे नाम से पहचान तो गया

होश-ओ-हवास-ओ-ताब-ओ-तुवां  "दाग़" खो चुके
अब हम भी जाने वाले हैं सामन तो गया
 [होश-ओ-हवास-ओ-ताब-ओ-तुवां=sense, sensibility, strength, health]
दाग 'देहलवी'

Adding my own makhta to this

जुस्तजू-ए-फितना में मुज़्तरिब ज़िंदगी गुज़र गयी
एक ग़ज़ल कि खातिर दीवान तो गया


Khaatir se yaa lihaaz se mai.n maan to gayaa
jhuuThii qasam se aap kaa imaan to gayaa
dil leke muft kahate hai.n kuchh kaam kaa nahii.n
ulaTii shikayate.n rahii ehasaan to gayaa
ab shaay-e-raaz-e-ishq go zillate.n hu_ii
lekin use jataa to diyaa, jaan to gayaa
[shaay-e-raaz-e-ishq=secret of love being known; zillat=insult/humiliation]
dekhaa hai butakade me.n jo ai sheKh kuchh na kuchh
iimaan kii to ye hai ki iimaan to gayaa
Darataa huu.N dekh kar dil-e-be-aarazuu ko mai.n
sun-saan ghar ye kyuu.N na ho mehamaan to gayaa

go naamaabar se Khush na huaa par hazaar shukr
mujh ko vo mere naam se pahachaan to gayaa

hosh-o-havaas-o-taab-o-tavaa.N "Daag" jaa chuke
ab ham bhii jaane vaale hai.n saamaan to gayaa
[hosh-o-havaas-o-taab-o-tavaa.N=sense, sensibility, strength, health]
Daag 'Dehlavi'

Adding my own makhta to this

Zstuzuu-e-fitnaa mein 'Muztarib' zindagee guzar gayi
ik ghazal kee khaatir dewaan tou gaya

Tuesday, 20 December 2011

uzr aane mein bhee hai





uzr aane me.n bhii hai aur bulaate bhii nahii.n
baais-e-tark-e-mulaaqaat bataate bhii nahii.n

Khuub pardaa hai ke chilaman se lage baiThe hai.n
saaf chhupate bhii nahii.n saamane aate bhii nahii.n

ho chukaa qata ta'lluq to jafaaye.n kyo.n ho.n
jinako matalab nahii.n rahataa wo sataate bhii nahii.n

ziist se ta.ng ho ae DaaG to jiite kyo.n ho
jaan pyaarii bhii nahii.n jaan se jaate bhii nahii.n

'Daag' Dehlavi


उज्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं
बाईस-ए-तर्क-ए-मुलाक़ात बताते भी नहीं
[ उज्र =hesitate; बाईस-ए-तर्क-ए-मुलाक़ात =basis for terminating acquaintanceship]

खूब पर्दा है की चिलमन से लगे बैठे हैं
साफ़ छूपते भी नहीं सामने आते भी नहीं
[चिलमन  = veil]

हो चुका कत्ता ताल्लुक तो जफ़ायें क्यूँ हो
जिनको मतलब नहीं रहता वो सताते भी नहीं
[ कत्ता = break; ताल्लुक = relationship; जफ़ायें  = disloyal ]

जीस्त से तंग हो ऐ दाग़ तो जीते क्यूँ हो
जान प्यारी भी नहीं और जान से जाते भी नहीं
[ जीस्त = life ]

'दाग़' देहलवी 


ازر  آنے  میں  بھی  ہے  اور  بلاتے  بھی  نہیں
بیس  ا  ترک  ا  ملاکات  بتاتے  بھی  نہیں

خوب  پردہ   ہے  کے  چلمن  سے  لگے  بیٹھے  ہیں
صاف  چھپتے  بھی  نہیں  سامنے  آتے  بھی نہیں

ہو  چکا  کتا  تاللک  تو  جفاہیں  کیوں  ہو
جنکو  مطلب  نہیں  رہتا  وو  ستاتے  بھی  نہیں 

زیست  سے  تنگ  ہو  ہے  داغ  جیتے  کیوں  ہو 
جان  پیاری  بھی  نہیں  اور  جان  سے  جاتے  بھی  نہیں 


داغ دہلوی 

Thursday, 27 August 2009

Gazab kia tere waade pe aitbaar kia

ग़ज़ब किया, तेरे वादे पे ऐतबार किया,
तमाम रात क़यामत का इंतेज़ार किया

[तमाम= whole]

हंसा हंसा के शब-ए-वस्ल अश्क-बार किया,
तसल्लियां मुझे दे-दे के बेक़रार किया

[शब-ए-वस्ल = the night of meeting, अश्क-बार = teary, तसल्लियां = consolation]

हम ऐसे माहव-ए-नज़ारा ना थे जो होश आता,
मगर तुम्हारे तगाफुल ने होशियार किया

[माहव-ए-नज़ारा = bewitched with beauty, तगाफुल = nonchalance]

फसाना-ए-शब-ए-गम उन को एक कहानी थी,
कुछ ऐतबार किया और कुछ ना-ऐतबार किया
[फसाना-ए-शब-ए-गम = story of night of dispair]

ये किसने जलवा हमारे सर-ए-मज़ार किया
की दिल से शोर उठा, हाए! बेक़रार किया
[जलवा = Magic, सर-ए-मज़ार = facade of sepulchre]

तड़प फिर ऐ दिल-ए-नादान, की गैर कहते हैं,
आख़िर कुछ ना बनी, सब्र इख्ह्तियार किया

[दिल-ए-नादान = ignorant heart; सब्र=patience]

भुला भुला के जताया है उनको राज़-ए-निहान,
छिपा छिपा के मोहब्बत को आशकार किया

[राज़-ए-निहान= hidden secrets; आशकार= reveal]

तुम्हें तो वादा-ए-दीदार हम से करना था,
ये क्या किया के जहाँ को उम्मीदवार किया
[वादा-ए-दीदार = promise to be seen]

ये दिल को ताब कहाँ है के हो मालंदेश,
उन्होनें वादा किया और हम ने ऐतबार किया
[ताब = Heat,मालंदेश = anxity (not sure)]

ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहते हैं,
वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया

कुछ आगे दावर-ए-महशर से है उम्मीद मुझे,
कुछ आप ने मेरे कहने का ऐतबार किया

[डावर-ए-महाशर= the judge presiding on the day of judgement, i.e. the God]
{Daag Dehlavi}

Daag has not written a maqta to this ghazal. I have written one and could not resist to post it. I hope people will forgive me for this impudence.

जब चला गया 'प्रशांत' जहाँ से मुंतज़ीर हो के,
तब तूने उसके कुचे के जानिब रुखसार किया

[मुंतज़ीर = awaiting, कुचे = Lane, जानिब = direction, रुखसार = turn the face ]