ग़ज़ब किया, तेरे वादे पे ऐतबार किया,
तमाम रात क़यामत का इंतेज़ार किया
[तमाम= whole]
हंसा हंसा के शब-ए-वस्ल अश्क-बार किया,
तसल्लियां मुझे दे-दे के बेक़रार किया
[शब-ए-वस्ल = the night of meeting, अश्क-बार = teary, तसल्लियां = consolation]
हम ऐसे माहव-ए-नज़ारा ना थे जो होश आता,
मगर तुम्हारे तगाफुल ने होशियार किया
[माहव-ए-नज़ारा = bewitched with beauty, तगाफुल = nonchalance]
फसाना-ए-शब-ए-गम उन को एक कहानी थी,
कुछ ऐतबार किया और कुछ ना-ऐतबार किया
[फसाना-ए-शब-ए-गम = story of night of dispair]
ये किसने जलवा हमारे सर-ए-मज़ार किया
की दिल से शोर उठा, हाए! बेक़रार किया
[जलवा = Magic, सर-ए-मज़ार = facade of sepulchre]
तड़प फिर ऐ दिल-ए-नादान, की गैर कहते हैं,
आख़िर कुछ ना बनी, सब्र इख्ह्तियार किया
[दिल-ए-नादान = ignorant heart; सब्र=patience]
भुला भुला के जताया है उनको राज़-ए-निहान,
छिपा छिपा के मोहब्बत को आशकार किया
[राज़-ए-निहान= hidden secrets; आशकार= reveal]
तुम्हें तो वादा-ए-दीदार हम से करना था,
ये क्या किया के जहाँ को उम्मीदवार किया
[वादा-ए-दीदार = promise to be seen]
ये दिल को ताब कहाँ है के हो मालंदेश,
उन्होनें वादा किया और हम ने ऐतबार किया
[ताब = Heat,मालंदेश = anxity (not sure)]
ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहते हैं,
वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया
कुछ आगे दावर-ए-महशर से है उम्मीद मुझे,
कुछ आप ने मेरे कहने का ऐतबार किया
[डावर-ए-महाशर= the judge presiding on the day of judgement, i.e. the God]
तमाम रात क़यामत का इंतेज़ार किया
[तमाम= whole]
हंसा हंसा के शब-ए-वस्ल अश्क-बार किया,
तसल्लियां मुझे दे-दे के बेक़रार किया
[शब-ए-वस्ल = the night of meeting, अश्क-बार = teary, तसल्लियां = consolation]
हम ऐसे माहव-ए-नज़ारा ना थे जो होश आता,
मगर तुम्हारे तगाफुल ने होशियार किया
[माहव-ए-नज़ारा = bewitched with beauty, तगाफुल = nonchalance]
फसाना-ए-शब-ए-गम उन को एक कहानी थी,
कुछ ऐतबार किया और कुछ ना-ऐतबार किया
[फसाना-ए-शब-ए-गम = story of night of dispair]
ये किसने जलवा हमारे सर-ए-मज़ार किया
की दिल से शोर उठा, हाए! बेक़रार किया
[जलवा = Magic, सर-ए-मज़ार = facade of sepulchre]
तड़प फिर ऐ दिल-ए-नादान, की गैर कहते हैं,
आख़िर कुछ ना बनी, सब्र इख्ह्तियार किया
[दिल-ए-नादान = ignorant heart; सब्र=patience]
भुला भुला के जताया है उनको राज़-ए-निहान,
छिपा छिपा के मोहब्बत को आशकार किया
[राज़-ए-निहान= hidden secrets; आशकार= reveal]
तुम्हें तो वादा-ए-दीदार हम से करना था,
ये क्या किया के जहाँ को उम्मीदवार किया
[वादा-ए-दीदार = promise to be seen]
ये दिल को ताब कहाँ है के हो मालंदेश,
उन्होनें वादा किया और हम ने ऐतबार किया
[ताब = Heat,मालंदेश = anxity (not sure)]
ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहते हैं,
वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया
कुछ आगे दावर-ए-महशर से है उम्मीद मुझे,
कुछ आप ने मेरे कहने का ऐतबार किया
[डावर-ए-महाशर= the judge presiding on the day of judgement, i.e. the God]
{Daag Dehlavi}
Daag has not written a maqta to this ghazal. I have written one and could not resist to post it. I hope people will forgive me for this impudence.
जब चला गया 'प्रशांत' जहाँ से मुंतज़ीर हो के,
तब तूने उसके कुचे के जानिब रुखसार किया
[मुंतज़ीर = awaiting, कुचे = Lane, जानिब = direction, रुखसार = turn the face ]
1 comment:
Aap CTO hone ke alaawa koi aur dhandha bhi karte hein ..kaafi chaalu aadmi lag rahe hein ...
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