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Friday, 23 April 2010

Na Saagar hai Na Saaki hai...

न सागर है न साकी है
लब पे तशना अभी बाकी है
[सागर = wine cup; साकी  = lady who serves wine, तशना= thirst]

अजल आये पहले या के तुलू आये
कौन जाने के यह रात अभी बाकी है
[अजल = death; तुलू = dawn ]

बहुत हुई तेरी इल्तफ़ात, जाना
बस इक कज़ा तेरे हाथ से बाकी है
[इल्तफ़ात = benovelance/mercy; जाना = beloved; कज़ा = death]

महशर का क्यूँ है इंतज़ार 'प्रशांत'
तल्खिओं से भरी ये जीस्त अभी बाकी है
[महशर = day of judgement; तल्खिओं = bitterness]

'प्रशांत'

On a lighter and optimistic note:

क्यूँ जाता है इंटरवल में 'प्रशांत' ?
दोस्त मेरे यह पिक्चर अभी बाकी है

3 comments:

Bhaiyyu said...

रात बाकी है ... यह अच्छा लगा

कम लफ़्ज़ों में बड़ी बात कहना एक हुनर है . शाबाश !

लेकिन अंत शायद कुछ और बेहतर अपेक्षित था

Prashant said...

Thanks...I agree end could have been better...thodi jaldbaazi main post kar dia...

Anonymous said...

On this sher arz hai :न सागर है न साकी है लब पे तशना अभी बाकी है"

Tashna kaami ki sazaa do to maza aa jaye
tum hamein zehar pilaa do to maza aa jaye ! [Jaun Eliya]