दिल को शगुफ्ता हुए इक अरसा गुज़र गया,
दर्द से चस्म-ए-नम हुए इक अरसा गुज़र गया
[शगुफ्ता = happy, चस्म-ए-नम = moist eyes, अरसा = long time ]
अबस चल रहा हूं मुस्तकिल राह पे,
कोई मकाम आये हुए इक अरसा गुज़र गया
[अबस = without reason, मुस्तकिल = never ending/continuous]
वक़्त गुज़रता जाता है पैहम पैहम
ज़िंदगी जिए हुए इक अरसा गुज़र गया
[पैहम पैहम = slowly/continuous]
शब्-ए-इज़्तिराब में मुन्तज़िर है आँखें
नींद आये हुए मुझे इक अरसा गुज़र गया
[शब्-ए-इज़्तिराब = Restless nights, मुन्तजिर = awaiting]
तशनालबी से मेरे साकी है घबराए
बोसे मय को दिए हुए इक अरसा गुज़र गया
[तशनालबी = thirst; बोसे = kiss, मए = wine]
दिल-ए-फिगार को है हिकमत की हाजत
दिल की चारागरी को इक अरसा गुज़र गया
[दिल-ए-फिगार = wounded heart, हिकमत = healing, हाजत = need, चारागरी = medication]
तर्क कर जीस्त को अब चलो 'प्रशांत'
पड़े हुए यहाँ तुम्हे इक अरसा गुज़र गया
'प्रशांत'
6 comments:
इतनी उम्दा ग़ज़ल लिखी है आप ने! किसी का status message था gtalk पे, नेट पे ढूँढा तो ये पूरी नज़्म मिली. पढ़ते ही दिल बाग बाग हो गया. वो कभी कभी आप overwhelm हो जाते है न, कुछ पढके, एक अरसे बाद ऐसा हुआ मेरे साथ.
कभी मेरे blog पर भी पधारें! www.bhaiyyu.com
hausla afzayee ka shukria...kabhi kabhi zajbaaton ko lafzon mein dhaal leta hoon...aur agar padhne waalon ko pasand aaye tou main isse apni khuskismati samjhta hoon..thanks
जाने कितनी बार मैं इसे पढ़ चुक हूँ! हर बार इसकी ताजगी बरकरार रहती है.
varun, meri ghazal tumhein acchi lagi yeh mere liye bahut khushi kee baat hai.
बहोत लाजवाब हैं आपका शायरी का ज़ौक़..सुभानअल्लाह..!!
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