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Friday 19 November 2010

nemat-e-khlalish lage hai ishrat kee tarah

साईल हाज़तमंद है तेरे  दर पे इस तरह
नेमत-ए-खलिश लगे है इशरत की तरह
[साईल = beggar; हाज़तमंद = needy ; नेमत-ए-खलिश = gift of pain; इशरत = happiness]

बाद फ़िराक-ए-यार में तन्हाई ना मिली
गम-ए-यार मेरे साथ है साए की तरह
[बाद फ़िराक-ए-यार = after seperation from beloved]

तीरगी तेज़तर  होती जाये है शब-बा-शब
याद-ए-खूबां  है बेनुरी में उजाले की तरह
[तीरगी = darkness; तेज़तर = sharp; शब-बा-शब = night by night ; याद-ए-खूबां = memories of the beauty; बेनुरी = darkness]

आरज़ू  है की दीद-ए-यार हों फिर से
तमन्ना उन्हें भी जगे कभी हमारी तरह
[दीद-ए-यार = vision of beloved]

कब से हरीम-ए-खल्वत का मकीं हूं
जुज़ तेरे  घर लगता है तुर्बत की तरह
[जुज़ = without ;हरीम-ए-खल्वत = house of solitude; मकीं= tenant; तुर्बत =tomb/grave]

एक इलाज़ है इस रोग का मेरे चारागर
दे ज़हर  अपने हाथों से दवा की तरह
[चारागर = doctor]

दिल जो आतिश-फिशां  था  कभी  'मुज़्तरिब'
सोज़-ए-खुस्ता  सर्द  है संग-ए-बर्फ की तरह
[आतिश-फिशां = volcano; सोज़-ए-खुस्ता = extinguished heat; सर्द = cold; संग-ए-बर्फ = stone of ice]

'मुज़्तरिब'

Sunday 31 October 2010

dekh to dil se ke jaan se uthta hai..

देख तो दिल से के जाँ से उठता है
यह धुआं कहाँ से उठता है

गोर किस दिलजले की है ये फलक
शोला एक सुभः यां से उठता है
[गोर = grave/tomb ;दिलजले = heart burnt; ]

खाना-ए-दिल से ज़िन्हार ना जा
कोई ऐसे मकाँ से उठता है

नाला सर खेंचता है जब मेरा
शोर एक असमान से उठता है
[नाला = lament]

लडती  है उस की चश्म-ए-शोख जहाँ
एक आशोब वां से उठता है
[आशोब = turmoil]

सुध ले घर की भी शोला-ए-आवाज़
दूद कुछ आशियाँ से उठता है
[दूद = smoke]

बैठने कौन दे है फिर उस को
जो तेरे आस्तां से उठता है
[आस्तां  = threshold]

यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
 
इश्क इक 'मीर' भारी पत्थर है
बोझ कब नातवां से उठता है
[नातवां = weak]
मीर ताकी 'मीर'