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Wednesday 14 April 2010

Gulon mein rang bhare..

कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
ये खलिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
[तीर-ए-नीमकश = deep pierced arrow, खलिश = pain]
'ग़ालिब'
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हुआ जो तीर-ए-नज़र नीमकश तो क्या हासिल
मज़ा तो तब है जब सीने के आर पार चले
तालिब 'बागपती'
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गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले
चले भी आओ की गुलशन का कारोबार चले
[बाद-ए-नौबहार = wind of new spring]

क़फ़स उदास है यारों सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-खुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
[क़फ़स = cage; सबा = breeze; बहर = ocean; ]

कभी तो सुब्ह तेरे कुञ्ज-ए-लब से हों आगाज़
कभी तो शब् सर-ए-काकुल से मुश्कबार चले
[कुञ्ज-ए-लब = corner of your lips, आगाज़ = start, शब् = night,
सर-ए-काकुल = curls of hair, मुश्कबार = fragrant]

बड़ा है दिल का रिश्ता, यह दिल गरीब सही
तुम्हारे नाम पे आयेंगे गमगुसार सही
[गमगुसार = sympathisers]

जो हम पे गुज़री है सो गुज़री मगर शब्-ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरी आकबत संवार चले
[शब्-ए-हिज्राँ = night of seperation, अश्क = tears, आकबत = future]

हुजूर-ए-यार हुई दफ्तर-ए-जुनून की तलब
गिरह में ले के गरेबान का तार तार चले
[तलब = desire,गिरह = measurement of cloth, knot, गरेबान = collor]

मकाम 'फैज़' कोई राह में जचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले
[मकाम = destination; कू-ए-यार  = lane of beloved, सू-ए-दार = towards gallow]

फैज़ अहमद 'फैज़'

Putting my own makhta to this beautiful ghazal

संगदिल गुदाज़ न हो गर्मी-ए-अश्क से 'प्रशांत'
दर पे उसके हम रो के जार जार चले
[संगदिल = stone heart; गुदाज़ = melt; गर्मी-ए-अश्क = heat of tears]

Wednesday 31 March 2010

ik arsa guzar gaya...

दिल को शगुफ्ता हुए इक अरसा गुज़र गया,
दर्द से  चस्म-ए-नम हुए इक अरसा गुज़र गया
[शगुफ्ता = happy, चस्म-ए-नम = moist eyes, अरसा = long time ]

अबस चल रहा हूं मुस्तकिल राह पे,
कोई मकाम आये हुए इक अरसा गुज़र गया
[अबस = without reason, मुस्तकिल = never ending/continuous]

वक़्त गुज़रता जाता है पैहम पैहम
ज़िंदगी जिए हुए इक अरसा गुज़र गया
[पैहम पैहम = slowly/continuous]

शब्-ए-इज़्तिराब में मुन्तज़िर है आँखें
नींद आये हुए मुझे इक अरसा गुज़र गया
[शब्-ए-इज़्तिराब = Restless nights, मुन्तजिर = awaiting]

तशनालबी से मेरे साकी है घबराए
बोसे मय को दिए हुए इक अरसा गुज़र गया
[तशनालबी = thirst; बोसे = kiss, मए = wine]

दिल-ए-फिगार को है हिकमत की हाजत
दिल की चारागरी को इक अरसा गुज़र गया
[दिल-ए-फिगार = wounded heart, हिकमत = healing, हाजत = need,  चारागरी = medication]

तर्क कर जीस्त को अब चलो 'प्रशांत'
पड़े हुए यहाँ तुम्हे इक अरसा गुज़र गया
'प्रशांत'