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Wednesday 21 October 2009

Shehron Mulkon mein jo yeh..

शहरों मुल्कों में जो ये 'मीर' कहाता है मियां,
दीद-नी है पर बहुत कम नज़र आता है मियां
[दीद = vision]
आलम आइना है जिसका वो मुस्सविर बे-मिस्ल
हाए क्या सूरतें पर्दें में बनता है मियां
[आलम = world , आइना = mirror , मुस्सविर=artist मिस्ल = like/example बे-मिस्ल = without example/unique]
किस्मत उस बज्म में लायी की जहाँ का साकी
दे है मय सबको हमको ज़हर पिलाता है मियां
[बज्म = gathering ]
Meer Taqi 'Meer'
Adding my own Makhta to this Ghazal

तर्क-ए-जहाँ को जिसकी इबादत तूने की 'प्रशांत'
वो अब तुम्हें इश्क के सबक सिखलाता है मियां
[तर्क-ए-जहाँ = renounce the world, इबादत = worship]

Aake Sajjada Nashin

आके सज्जादानशीं  कैस  हुआ मेरे बाद,
न रही दश्त में खाली कोई जा मेरे बाद
[सज्जादानशीं = saint/dervish ,कैस = Real neame of majnoo, दश्त = wilderness/desert/ ]

चाक  करना है इसी गम से गिरेबान-ए-कफ़न
कौन खोलेगा तेरे बंद-ए-क़बा मेरे बाद
[चाक = torn, गिरेबान = collar, कफ़न = shroud, बंद-ए-क़बा = Closed Gown]

वो हवा खा है चमन के, चमन में हर सुभ
पहले मैं जाता था और बाद-ए-सबा मेरे बाद
[सुभ = Morning, बाद = wind , सबा = wind/Breeze]

तेज़ रखना सरे हर खार को  अए  दश्त-ए-जुनूं
शायद आ जाए कोई आबला पा मेरे बाद
[खार = thorn, दश्त-ए-जुनूं = extreme desert, आबला पा = blistered feet]

मुह पे रख दामन-ए-गुल रोयेंगे मुर्गान-ए-चमन
हर रविश ख़ाक उडाएगी सबा मेरे बाद
[दामन = Skirt, गुल = flower, मुर्गान = birds, रविश = behaviour ,  सबा = wind]

बाद मरने के मेरे कब्र पे आया वो 'मीर'
याद आयी मेरे ईसा को  दवा  मेरे बाद
Meer Taqi 'Meer'

Adding my Maqta to this ghazal

हयात-ए-क़फ़स में बा-मर्ग है 'प्रशांत'
 यहाँ आएगा न कोई मुझ जैसा मेरे बाद
[हयात-ए-क़फ़स = Prison of Life; बा-मर्ग = towards death]