शहरों मुल्कों में जो ये 'मीर' कहाता है मियां,
दीद-नी है पर बहुत कम नज़र आता है मियां
[दीद = vision]
आलम आइना है जिसका वो मुस्सविर बे-मिस्ल
हाए क्या सूरतें पर्दें में बनता है मियां
[आलम = world , आइना = mirror , मुस्सविर=artist मिस्ल = like/example बे-मिस्ल = without example/unique]
किस्मत उस बज्म में लायी की जहाँ का साकी
दे है मय सबको हमको ज़हर पिलाता है मियां
[बज्म = gathering ]
Meer Taqi 'Meer'
Adding my own Makhta to this Ghazal
तर्क-ए-जहाँ को जिसकी इबादत तूने की 'प्रशांत'
वो अब तुम्हें इश्क के सबक सिखलाता है मियां
[तर्क-ए-जहाँ = renounce the world, इबादत = worship]
Meer Taqi 'Meer'
Adding my own Makhta to this Ghazal
तर्क-ए-जहाँ को जिसकी इबादत तूने की 'प्रशांत'
वो अब तुम्हें इश्क के सबक सिखलाता है मियां
[तर्क-ए-जहाँ = renounce the world, इबादत = worship]
1 comment:
Excellent composition and rendition by Mehdi Hasan Sahab
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