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Tuesday 30 November 2010

saaki ke har nigaah pe balkhaa ke pee gaya..

साकी की हर निगाह पे बलखा के पी गया,
लहरों से खेलता हुआ लहरा के पी गया,

बेकैफियों के कैफ से घबरा के पी गया,
तौबा को तोड़ कर थर्रा के पी गया
[बेकैफियों = un intoxicating, कैफ = intoxicating, तौबा =pledge]

सरमस्ती-ए-अज़ल मुझे जब याद आ गयी,
दुनिया-ए-ऐतबार को ठुकरा के पी गया
[सरमस्ती-ए-अज़ल = fun from time immemorial ]

अए रहमत-ए-तमाम मेरी हर खता मुआफ,
मैं इंतहा-ए-शौक़ में घबरा के पी गया
[ इंतहा-ए-शौक़ = limits of desire]

पीता बैगैर इज़्न यह कब थी मेरी मजाल,
दर पर्दा  चस्म-ए-यार के सह पा के पी गया,
[इज़्न = permission/order; मजाल = dare; दर पर्दा = hidden; चस्म-ए-यार = beloved's eyes; सह = support]


ज़ाहिद यह मेरी शोखी-ए-रिन्दां ना देखना,
रहमत को बातों बातों में बहला के पी गया.
[ज़ाहिद = wise man; शोखी-ए-रिन्दां = mischief/restlessness of a drunk person; रहमत = benevolence]

उस जाँ-ए-मैकदा की कसम बारहा "जिगर"
कुल आलम-ए-बिसात पे मै छा के पी गया
[जाँ-ए-मैकदा = life of the bar refering to saaqi; बारहा = everytime; कुल = whole; आलम-ए-बिसात= complete universe]

जिगर 'मोरादाबादी'

I am adding a makhta to this ghazal.

 
तिशनागी कुछ  ऐसी उठी 'मुज़्तरिब' दिल में   
मैं जाँ को मय  में मिला के पी गया
[तिशनागी = thirst, जाँ= life, मय = wine] 

Friday 19 November 2010

nemat-e-khlalish lage hai ishrat kee tarah

साईल हाज़तमंद है तेरे  दर पे इस तरह
नेमत-ए-खलिश लगे है इशरत की तरह
[साईल = beggar; हाज़तमंद = needy ; नेमत-ए-खलिश = gift of pain; इशरत = happiness]

बाद फ़िराक-ए-यार में तन्हाई ना मिली
गम-ए-यार मेरे साथ है साए की तरह
[बाद फ़िराक-ए-यार = after seperation from beloved]

तीरगी तेज़तर  होती जाये है शब-बा-शब
याद-ए-खूबां  है बेनुरी में उजाले की तरह
[तीरगी = darkness; तेज़तर = sharp; शब-बा-शब = night by night ; याद-ए-खूबां = memories of the beauty; बेनुरी = darkness]

आरज़ू  है की दीद-ए-यार हों फिर से
तमन्ना उन्हें भी जगे कभी हमारी तरह
[दीद-ए-यार = vision of beloved]

कब से हरीम-ए-खल्वत का मकीं हूं
जुज़ तेरे  घर लगता है तुर्बत की तरह
[जुज़ = without ;हरीम-ए-खल्वत = house of solitude; मकीं= tenant; तुर्बत =tomb/grave]

एक इलाज़ है इस रोग का मेरे चारागर
दे ज़हर  अपने हाथों से दवा की तरह
[चारागर = doctor]

दिल जो आतिश-फिशां  था  कभी  'मुज़्तरिब'
सोज़-ए-खुस्ता  सर्द  है संग-ए-बर्फ की तरह
[आतिश-फिशां = volcano; सोज़-ए-खुस्ता = extinguished heat; सर्द = cold; संग-ए-बर्फ = stone of ice]

'मुज़्तरिब'

Sunday 31 October 2010

dekh to dil se ke jaan se uthta hai..

देख तो दिल से के जाँ से उठता है
यह धुआं कहाँ से उठता है

गोर किस दिलजले की है ये फलक
शोला एक सुभः यां से उठता है
[गोर = grave/tomb ;दिलजले = heart burnt; ]

खाना-ए-दिल से ज़िन्हार ना जा
कोई ऐसे मकाँ से उठता है

नाला सर खेंचता है जब मेरा
शोर एक असमान से उठता है
[नाला = lament]

लडती  है उस की चश्म-ए-शोख जहाँ
एक आशोब वां से उठता है
[आशोब = turmoil]

सुध ले घर की भी शोला-ए-आवाज़
दूद कुछ आशियाँ से उठता है
[दूद = smoke]

बैठने कौन दे है फिर उस को
जो तेरे आस्तां से उठता है
[आस्तां  = threshold]

यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
 
इश्क इक 'मीर' भारी पत्थर है
बोझ कब नातवां से उठता है
[नातवां = weak]
मीर ताकी 'मीर'