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Wednesday, 7 December 2011

na din ko chaain, na shab ko shukuun


न दिन को चैन न शब् को सुकूं
दश्तान्वर्द फिरूं  दर-बा-दर, कु-बा-कु
[ शब् = night, दश्तान्वर्द = roam in wilderness,  दर-बा-दर = door to door, कु-बा-कु = lane to lane]

फना हो जाऊं बस यही है आरज़ू
गर मिल जाए सराब  है जिसकी जुस्तजू, 
[फना = annhiliate, सराब = illusion, जुस्तजू, = search]

जब हुआ उनसे  अव्वल -दफा  रूबरू,
इन्तेहाँ-ए-अना हुई  और आवारगी  शुरू,
[ अव्वल -दफा = first time,  इन्तेहाँ-ए-अना  = end of ego/rules, आवारगी  = wandering]

गो इश्क है इबादत तो है सनम तू
हरचंद किया हमने आंसुओं से वजू
[ गो = if, इबादत = prayer, सनम = god, हरचंद = every instant, वजू = abulation ]

'मुज़्तरिब' देखना तू नज़रों की गुफ्तगू
गर वो आये तेरे कुचे अगरचे यूँ ही कभू,
[गुफ्तगू = conversation, अगरचे  =although, गर= if,  ]

'मुज़्तरिब'

3 comments:

Shikha said...

You wrote this???
Wow!! Simply awesome. :-)
Not until i reached the last para, i was under the impression it was by the experts in the field.

Prashant said...

I wrote it :)
thanks...

@mar said...

बहुत खूब। मैं आपकी पूरी blog पढ़ भी रहा हूँ, और दूसरों से share कर भी रहा हूँ।