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Sunday, 10 April 2011

Saare jahan se accha

तराना-ए-हिंद

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी ये गुलसितां हमारा

ग़ुरबत में हो अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वही हमें भी दिल हो जहाँ हमारा
[ग़ुरबत = in alien land/exile]

पर्वत वो सबसे उंचा हमसाया आसमां का
वो संतरी हमारा वो पासबां हमारा
[संतरी = sentry, पासबां = guard ]

गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से रस्क-ए-जिनां हमारा
[रस्क-ए-जिनां = envy of  heaven]

ऐ आब-ए-रौद-ए-गंगा ! वो दिन हैं याद तुझको
उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा
[आब-ए-रोद-ए-गंगा = flowing water of ganges]

मज़हब  नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तां हमारा

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी नाम-ओ-निशाँ हमारा

कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जमां हमारा

इकबाल ! कोई मरहम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहां हमारा
[मरहम = balm/sympathiser; दर्द-ए-निहां = hidden pain]

अल्लामा 'इकबाल'

Adding two shers of mine to this beautiful ghazal


बहर-ए-अरब-ओ-बंग-ओ-हिंद करता है वजू जिसका
वो सादिक जमीं हमारी वो पावन देश हमारा
[बहर-ए-अरब-ओ-बंग-ओ-हिंद = Arab and Bengal and India Ocean, वजू = abulation; सादिक = pure ]

फैजी है 'मुज़्तरिब' जो पैदा हुआ यहाँ पे
यहीं जन्नत हमारी यहीं काबा हमारा
 [फैजी = blessed, ]


Putting below is a rough translation of this:

Song of Hind

the best in whole world is my hindustaan
we are its nightingale and this garden is our home

even in exile our heart is at home
and we are there where our heart is

the loftiest of the mountains, the friend of sky
is our sentry, is our guard

thoushand of river plays in her bosom
our garden is an envy to the heaven

O flowing water of Ganges! did you recall the day
when our caravan had landed at your shore

religion doesnt teach animosity amongst kins
we all are Hindi and our nation is Hindustaan

Greeks, Coptics and Romans have become history
but we still have name and existence

there is something which keeps us going
despite many in world being our foes for centuries

Iqbaal there is no sympathiser to us
does anyone know our hidden pain ?

'Iqbaal'

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