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Thursday, 1 January 2009

Ode to Hope..Welcome 2009 :)


कल की रात का गिला क्या?
नये साल में, आओ गुज़रें हुए पलों से आस चुरायें,
गमों को माज़ी में डुबाकर, नये पलों से नई सुबहा बनाये,
हाथों को थाम कर नई राह पे, हमसफर बन जायें
फिर से रूठे और मनायें, आओ थोडा सा रूमानी हो जायें…
'प्रशांत'
[Maqta is inspired from Gulzaar saab's lyrics from the film by same name]

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