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Thursday 25 September 2008

एक धुन्धल्की शाम

एक धुँधल्की शाम,
मद्धम मद्धम साँस,
बोझिल सर, धुआं धुआं,
और दो मुन्तजिर आँख

ऐ मजहर-ए-ग़ज़ल,

आज तुम आओगी ,
अपने साथ मशर्रत लाओगी ,
और इस तीरगी में अपना जमाल फैलाओगी

पर तुम नहीं आई,

तुम्हारा पैगाम आया,
आज भी नही आओगी यह कहलाया,

कल का वादा कर के मुझ को बहलाया

आज फिर वही धुँधल्की शाम,

मद्धम मद्धम साँस,
बोझिल सर, धुआं धुआं,
और दो बुझी सी आँख




ऐ मजहर-ए-ग़ज़ल,
पर कल तुम आना ,
अपने साथ मशर्रत लाना,

और इस तीरगी में अपना जमाल फैलाना




प्रशांत
[मुन्तजिर = awaiting, मजहर-ए-ग़ज़ल = manifestation of Gazal, मशर्रत = happiness,
तीरगी = darkness, जमाल = Beauty]

Friday 19 September 2008

Aye waada shikan..

ऐ वादा शिकन ख़्वाब दिखना ही नही था,
क्यूँ प्यार किया था जो निभाना ही नही था

इस तरह मेरे हाथ से दामन ना छुड़ाओ,
दिल तोड़ के जाना था तो,आना ही नही था

अल्लाह ना मिलने के बहाने थे हज़ारों,
मिलने के लिए कोई बहाना ही नही था

देखो मेरे सर फोड़ के मरने की अदा भी,
वरना मुझे दीवाना बनाना ही नही था

रोने के लिए सिर्फ़ मुहब्बत ही नही थी,
गम और भी थे दिल का फसाना ही नही था

या हम से ही कहते ना बनी दिल की कहानी,
या गोश बरावाज़ ज़माना ही नही था

क़ैसर कोई आया था मेरी बखयागरी को,
देखा तो गरेबां का ठिकाना ही नही था

Sunday 14 September 2008

Carrier's formula for handling worries.

Willis H. Carrier's formula for tackling worries..
Step 1: Analyze the situation fearlessly and honestly and figure out what is the worst that can possibly happen as a result of this failure.
Step 2: Reconcile yourself to the worst and accept it.
Step 3: Calmly devote time and energy to try and to improve upon the worst.